Bihar Politics : बिहार में दही-चूड़ा भोज के बहाने नई सियासी खिचड़ी पक रही है. बुधवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव अपने बेटे तेजप्रताप के साथ आरएलजेपी अध्यक्ष पशुपति पारस के दही-चूड़ा भोज में पहुंचे। उनके साथ आरजेडी के कई अन्य नेता भी मौजूद थे। इस दौरान जब मीडिया ने लालू से पूछा कि क्या वह पशुपति पारस को महागठबंधन में अपने साथ रखेंगे, तो लालू यादव ने इस पर सहमति जताते हुए हां कह दिया। जिसके बाद अब पशुपति पारस के लिए महागठबंधन के दरवाजे खुल गए हैं।


एनडीए से खुद को अलग कर चुके पशुपति पारस ने कहा है कि आगे क्या होने वाला है, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। इसके लिए हमें इंतजार करना होगा। लेकिन फिलहाल लालू यादव ने उनके लिए महागठबंधन के दरवाजे खोल दिए हैं। पारस पहले ही कह चुके हैं कि एनडीए ने उनके साथ अन्याय किया है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में पारस लालू यादव द्वारा दिए गए सियासी संकेत को किस तरह लेते हैं। यह देखने वाली बात होगी।


आपको बता दें कि एनडीए की सहयोगी रही पशुपति पारस की रालोजपा को लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे में कोई सीट नहीं मिली थी। जबकि भतीजे चिराग पासवान की लोजपा-आर को 5 सीटें मिली थीं। पांचों सीटों पर लोजपा ने जीत दर्ज की थी। जिसके बाद पशुपति पारस का सरकारी बंगला भी खाली हो गया था, जिसे चिराग पासवान की पार्टी लोजपा आर को दे दिया गया था। जिसमें पार्टी का दफ्तर चल रहा है। इन सबके बीच पशुपति पारस की एनडीए से दूरी बढ़ती चली गई।
