बीपीएससी अध्यापक परीक्षा के दौर में नियोजित शिक्षकों को भी राज्य कर्मी का दर्जा दिलाने को लेकर विशिष्ट शिक्षक बनाने की पहल की गई। इसके लिए दो-दो बार सक्षमता परीक्षा आयोजित की गई। इसके बावजूद अब तक जिले के करीब 4078 नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक बनने से वंचित हो गए।

आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में नियोजित शिक्षकों की कुल संख्या 9524 के विरुद्ध प्रथम सक्षमता परीक्षा में 3439 एवं द्वितीय सक्षमता परीक्षा में 2000 नियोजित शिक्षक सफल हुए। इन सफल हुए नियोजित शिक्षकों में से कुल 5210 शिक्षकों ने काउंसलिंग कराई।

काउंसलिंग के बाद जिन्होंने स्कूल में योगदान किया है वे योगदान की तिथि से विशिष्ट शिक्षक बन गए हैं, जबकि शेष 4078 नियाेजित शिक्षकों ने न तो सक्षमता परीक्षा में शामिल हुए और न ही विशिष्ट शिक्षक बनने की दिशा में कोई सार्थक पहल की।

ये हठी शिक्षक नियोजित शिक्षक बने रहने के जिद पर अड़े हैं। नियोजित शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के अनुसार, नियोजित शिक्षक के रूप में पिछले कई साल वे कार्यरत हैं। विशिष्ट शिक्षक बनने पर नए सिरे से विशिष्ट शिक्षक में गिनती किया जाना घाटे का सौंदा है।

नियोजित शिक्षक पर नियोजन इकाई का नियंत्रण
शिक्षा सूत्रों के अनुसार, नियोजित शिक्षकों पर नियोजन इकाई का नियंत्रण है। नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकार नियोजन इकाई है, जबकि विशिष्ट शिक्षकों के विरुद्ध सीधा शिक्षा अधिकारी कार्रवाई को अधिकृत है। ऐसे में कुछ ऐसे शिक्षक है जो नियोजन इकाई से अलग नहीं होना चाह रहे हैं।


ऐसे नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा में शामिल होने परहेज कर रहे हैं। सूत्रों की बातों पर यकीन करे तो कई ऐसे नियोजित शिक्षक हैं जिनका प्रमाण पत्र संदिग्ध है। ऐसे शिक्षक समक्षता परीक्षा से वंचित हो रहे हैं।

