बिहार शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि स्कूलों में शिक्षकों को बेहतर तरीक से बच्चों को पढ़ाना होगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। ऐसा नहीं होगा कि शिक्षक अपने घर के नजदीक ड्यूटी करें और बच्चों को नहीं पढ़ाएं।

ऐसे शिक्षकों को जिला से ही नहीं, बल्कि सीमावर्ती जिले में भेज दिया जाएगा। जहां उनके पास पढ़ाने के अलावा कोई काम ही नहीं होगा।

शनिवार को शिक्षा की बात- हर शनिवार में शिक्षक व अभिभावकों के सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने यह बात कही। एक अभिभावक ने शिकायत की कि पटना के एक स्कूल में पठन-पाठन नहीं हो रहा है। बच्चे शिक्षक का इंतजार करते रहते हैं।

इस कारण बच्चे निजी स्कूल में नामांकन कराने की जिद करने लगे हैं। इसके जवाब में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ये सूचना मेरे व्हाट्सअप पर आयी है। इस स्कूल की जांच कराई जाएगी। टीचर को बदला जाएगा। बात सही निकली तो जिला से बाहर कर दूंगा। पटना में जो बैठकर आनंद ले रहे हैं, वे जिले से बाहर जाएंगे।


इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नियोजित शिक्षक भी अगर ऐसा करेंगे तो कार्रवाई होगी। नियोजित शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूल के दूसरे शिक्षक भी सरकार को ऐसे शिक्षकों की रिपोर्ट दें।


