बिहार का कोई मार्ग अब बगैर संपर्कता के नहीं रहेगा। वहां भी बसें दौड़ेंगी। सुदूर इलाकों को भी बेहतर संपर्कता देने और उन्हें शहरों, जिला मुख्यालयों के साथ-साथ निकटवर्ती स्थानों से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया है। राज्य में जरूरत के ऐसे सभी परिवहन मार्गों की पहचान होगी, जहां बसों का परिचालन किया जा सकता है। परिवहन विभाग ने इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।
दरअसल, पिछले दिनों कैबिनेट ने बिहार में बसों की खरीद की योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत सभी शहरों, जिला मुख्यालयों के साथ-साथ कस्बों को बस परिवहन से जोड़ने की योजना है। ताकि, लोग सहजता से और अपनी जरूरतों के अनुसार कहीं भी आ-जा सकें। साथ ही अधिक से अधिक क्षेत्रों को परिवहन रूट चार्ट में शामिल करने की भी योजना है। भविष्य में इस परिवहन रूट चार्ट का और विस्तार किया जाएगा। इन्ही को ध्यान में रखकर सभी 38 जिलों के लिए परिवहन विभाग कार्ययोजना बना रहा है। इस समय कई रूट ऐसे हैं, जहां मांग के अनुरूप यात्री वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा है। जहां हो रहा है, वहां निजी वाहन ही केवल चल रहे हैं। ऐसे में वे मनमानी भी करते हैं, जिससे आम लोग परेशान रहते हैं।
गांव-प्रखंडों में परिवहन योजना पर पहले से हो रहा काम
राज्य सरकार पहले से गांवों और प्रखंडों में परिवहन योजना को मजबूत करने की योजना काम कर रही है। इसके तहत गांवों को पंचायतों, कसबों और जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए बसें चलायी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना चल रही। इसके तहत स्थानीय लोगों को बसों की खरीद पर अनुदान भी दिया जा रहा है। तय मार्गों पर वहां की जरूरत का ध्यान रखा जाएगा। तय मार्ग पर आबादी कितनी है, कितने लोग पहले सफर करते रहे हैं, क्या आवश्यकताएं हैं, भविष्य में ट्रैफिक ग्रोथ क्या हो सकता है आदि बिंदुओं पर वाहनों की आवश्यकता का आकलन होगा। इस समय कई रूट ऐसे हैं, जहां अधिक वाहनों की जरूरत है, लेकिन वहां इस समय कम वाहन हैं।
120 मार्गों पर नई बसें चलाने की योजना
इसके पहले राज्य में 120 मार्गों पर नई बसें चलाने की योजना पर अमल शुरू हो गया है। 376 बसों का परिचालन किया जाना है। पथ परिवहन निगम ने बसों के परिचालन को लेकर विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। ये सारे मार्ग राज्य के अंदर के हैं और कई जिलों को जोड़ते हैं। यही नहीं लगभग सभी प्रमुख शहरों को अन्य शहरों या जिला मुख्यालय से जोड़ने की योजना है। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण छोटे शहर भी हैं, जहां बसों के परिचालन की जरूरत है।