बिहार सरकार ने विशेष सर्वेक्षण कार्य में लगे संविदा कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो न केवल उनके आर्थिक हालात को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि सरकार की समर्पण भावना को भी दर्शाता है। मानदेय में यह वृद्धि दिवाली के पूर्व एक सराहनीय कदम है, जो 13,000 से अधिक संविदा कर्मियों और अधिकारियों को सीधा लाभ पहुंचाएगी।

हाल ही में जारी आदेश के तहत, विशेष सर्वेक्षण कार्य में संलग्न सर्वे कर्मियों के मानदेय में 4,000 से 10,000 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। यह निर्णय सरकार के खजाने पर 192 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डालेगा, लेकिन इसके साथ ही यह कर्मियों की मेहनत और समर्पण को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह वृद्धि 1 अगस्त 2024 से प्रभावी मानी जाएगी और नए एवं पुराने सभी कर्मियों पर लागू होगी।

निर्देशक जे प्रियदर्शिनी ने आदेश जारी करते हुए बताया कि विभिन्न पदों के लिए मानदेय में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं: विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी का मानदेय अब 55,000 रुपये से बढ़ाकर 65,000 रुपये किया गया है। वहीं, कानूनगो का मानदेय 32,000 से बढ़ाकर 40,000 रुपये, अमीन का 27,000 से 35,000 रुपये, लिपिक का 25,000 से 30,000 रुपये, अमीन-सर्वेयर का 18,000 से 25,000 रुपये और मोहर्रिर का मानदेय 21,000 से 25,000 रुपये कर दिया गया है। यह कदम कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने और उनकी कार्यक्षमता में सुधार लाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।

