Bihar News : बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आज बड़ा फैसला लिया है। राज्यपाल ने चार विश्वविद्यालयों में नए कुलपति नियुक्त किए हैं। इनमें मुंगेर, पूर्णिया, नालंदा खुला विश्वविद्यालय और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय शामिल हैं। मुंगेर विश्वविद्यालय में प्रो. संजय कुमार, पूर्णिया विश्वविद्यालय में प्रो. विवेकानंद सिंह, नालंदा खुला विश्वविद्यालय में प्रो. रवींद्र कुमार और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में डॉ. इंद्रजीत सिंह को कुलपति बनाया गया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विचार-विमर्श के बाद यह नियुक्ति की है।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार की सुबह राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और कुछ देर बाद 4 विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की नियुक्ति कर दी गई। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर कुलपतियों की नियुक्ति पर चर्चा की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद नाम फाइनल किया गया और उसके बाद राजभवन की ओर से इसकीऔपचारिक घोषणा की गई।
जारी अधिसूचना के अनुसार बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के पूर्व प्रोवीसी और वर्तमान में पटना विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रवींद्र कुमार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है। पूर्व कुलपति प्रोफेसर केसी सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद यह प्रोवीसी के प्रभार में चल रहा था। अब इस विश्वविद्यालय को पूर्ण कुलपति मिल गया है।
इसी तरह बिहार में भी इसी तरह बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के पास था। राज्यपाल ने प्रोफेसर इंद्रजीत सिंह को पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है। इसके अलावा नालंदा खुला विश्वविद्यालय के प्रो वीसी संजय कुमार को मुंगेर विश्वविद्यालय का कुलपति और एनआईटी पटना के प्रो वीसी प्रोफेसर विवेकानंद सिंह को पूर्णिया विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है। दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति का पद अगस्त 20234 से प्रभार में चल रहा था।
राजभवन के प्रधान सचिव वीएल चोंग्थू की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इन कुलपतियों का कार्यकाल तीन साल का होगा। नाम न छापने की शर्त पर एक पूर्व कुलपति ने बताया कि वीसी की नियुक्ति में योग्यता के साथ-साथ आगामी चुनाव का भी ध्यान रखा गया है। पूर्व राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के समय जून 2024 में वीसी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई थी।