Bihar News: बिहार में साइबर ठग अलग-अलग तरीकों से लोगों को झांसे में लेकर उन्हें चूना लगाते हैं. अब राजभवन के नाम पर साइबर शातिरों द्वारा लोगों से ठगी करने का मामला सामने आया है. ठगी के दो तरीके के मामले सामने आये हैं, जिनमें एक में अपराधियों ने राज्यपाल का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया और दूसरा राजभवन का पदाधिकारी बन व्हाट्सएप पर ठगी करने का प्रयास किया. दोनों ही मामले में राजभवन के डीएसपी नवीन कुमार ने साइबर थाने में केस दर्ज कराया है.
राजभवन का पदाधिकारी बताकर ठगी का प्रयास
डीएसपी नवीन कुमार ने पुलिस को बताया कि मोबाइल नंबर 9155502587 का उपयोगकर्ता खुद को राजभवन का पदाधिकारी बताता है. वह लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज रहा है. वह लोगों से राजभवन के पुराने एसी, फर्नीचर आदि कम कीमत पर बेचने का दावा कर ठगी का प्रयास कर रहा है.
राज्यपाल का फेसबुक पर बना लिया फर्जी अकाउंट
वहीं एक शातिर ने राज्यपाल के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया है. डीएसपी नवीन कुमार ने साइबर थाने की पुलिस को बताया कि साइबर शातिर कई दिनों से फर्जी फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा है. जांच में यह बात सामने आयी कि राज्यपाल के अकाउंट से तस्वीर कॉपी कर फर्जी अकाउंट पर लगाया जा रहा है. दोनों ही मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और छानबीन कर रही है.
अलग-अलग तरीके से 20 लोगों को ठगा
इधर, साइबर शातिरों ने अलग-अलग तरीके से 20 लोगों से 15 लाख 56 हजार रुपये की ठगी की है. इस संबंध में सभी ने साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया है. विजय कुमार दास रुपसपुर इलाके में रहते हैं. उनके मोबाइल पर गैस कनेक्शन कटने का एक मैसेज आया. उक्त मैसेज में दिए गए नंबर पर उन्होंने फोन किया तब बताया गया कि आपका बिल अपडेट नहीं है. इसके बाद शातिर उन्हें झांसा देकर उनके खाता से 2.42 लाख निकाल लिया. सतीश कुमार कंकड़बाग के रहने वाले हैं. उनके घर में स्मार्ट मीटर बदला गया था. इसी के बाद शातिर ने उन्हें फोन किया और मीटर चालू कराने का झांसा देकर उनके खाता से दो बार में लगभग 50 हजार की निकासी कर लिया.
खुद को बजली कंपनी का अधिकारी बताकर ठगा
आशियाना नगर के रहने वाले रमेश कुमार शर्मा के खाता से साइबर शातिरों ने 96 हजार रुपए की निकासी कर ली. शातिर ने उन्हें फोन करके खुद को बजली कंपनी का अधिकारी बताया. रमेश को शातिर उनका कंज्यूमर नंबर भी बताया और कहा कि आपके खाता में बैलेंस कम है. बिजली काटी जा रही है. इसके बाद उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा. उन्होंने लिंक पर क्लिक किया और उनके खाता से 96 हजार कट गया. रमेश ने पुलिस को बताया कि उनके फिक्स डिपोजिट से भी पैसे की निकासी हुई है और इसके लिए बैंक ने कोई अनुमति नहीं ली. इसी तहर अन्य लोगों से भी शातिरों ने लाखों रुपये की ठगी की है.
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