Samastipur

PUSA UNIVERSITY: पूसा यूनिवर्सिटी के कुलपति ने विकसित संकल्प अभियान में शामिल वैज्ञानिकों का सराहना किया.

<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;"><strong>डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ पी एस पांडेय ने विकसित संकल्प अभियान में योगदान ने रहे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों&comma; राज्यों के कृषि पदाधिकारी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की सराहना की है।<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">उन्होंने कहा कि पिछले दस दिनों से अधिक से वैज्ञानिक और कृषि पदाधिकारी लगातार किसानों के पास जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव स्तर पर विकसित कृषि संकल्प अभियान में जनप्रतिनिधियों का भी सराहनीय योगदान मिल रहा है। जनप्रतिनिधियों की साझेदारी से ही इतनी बड़ी संख्या में किसानों से संवाद करने में वैज्ञानिकों की टीम सफल हो रही है।<&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने इस अभियान की शुरुआत पूसा में हरी झंडी दिखाकर की थी। इसके बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा राज्य सरकार के मंत्रीगण&comma; माननीय सांसदों एवं विधायकों ने भी विश्वविद्यालय के विकसित कृषि संकल्प अभियान में भाग लिया और किसानों के साथ संवाद में शामिल हुए हैं। इतने बड़े संख्या में सरकार के प्रतिनिधियों का शामिल होना विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है।<&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">उन्होंने कहा कि रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी बिहार का प्रदर्शन देश भर में अभी तक सबसे उत्कृष्ट देखने को मिल रहा है। निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ मयंक राय ने कहा कि विश्वविद्यालय के लगभग 175 से अधिक वैज्ञानिक और वस्तु विषय विशेषज्ञ इस अभियान के तहत प्रतिदिन तीन गांव जा रहे हैं और वहां हजारों किसानों से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसानों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है। कुछ समस्या ऐसी है जिस पर शोध की आवश्यकता है।<&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">उन समस्याओं को भारत सरकार के रिपोर्टिंग पोर्टल और विश्वविद्यालय स्तर पर सूचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के इस मेगा अभियान से कृषि को जीडीपी में इस छमाही में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल सकती है। नोडल पदाधिकारी डा रत्नेश झा ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अभी तक 150 से ज्यादा प्रखंड के लगभग 500 गांव में 50 हजार किसानों से संपर्क कर चुके हैं।<&sol;p>&NewLine;<p style&equals;"text-align&colon; justify&semi;">उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रतिदिन इस अभियान को लेकर जानकारी हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि कुलपति के निर्देश पर सभी फीडबैक के डाटा को संग्रहित किया जा रहा है जिसका बाद में अध्ययन किया जाएगा और उन विषयों पर अनुसंधान परियोजना विकसित की जायेगी जहां अनुसंधान किया जाना अपेक्षित है।<&sol;p>&NewLine;

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