SAMASTIPUR NEWS : बिहार का ‘राजा’ सिर्फ एक घोड़ा नहीं, बल्कि अपनी रफ्तार और जीत के कारण एक राष्ट्रीय सितारा बन चुका है। 10 साल पहले राजस्थान से खरीदे गए इस घोड़े ने अब तक 155 से अधिक मेडल और अनगिनत पुरस्कार जीते हैं, जिनमें एक अल्टो कार, 11 मोटरसाइकिल, और सोने-चांदी के सिक्के शामिल हैं।
‘राजा’ की ऐतिहासिक जीत
‘राजा’ ने न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश की घुड़दौड़ प्रतियोगिताओं में अपनी क्षमता साबित की है। इसकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बिहार के बाहुबली आनंद सिंह की बेटी की शादी में आयोजित घुड़दौड़ प्रतियोगिता की जीत है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद ‘राजा’ और इसके मालिक अरविंद राय चर्चा में आ गए।
खास देखभाल और खानपान
‘राजा’ को एक रॉयल जीवन दिया जाता है। इसके भोजन में काजू, बादाम, किशमिश, छुहारा, केला, सेब, अनार, घी, मध (शहद), और चोकर शामिल हैं। इस पर हर दिन करीब 2000 रुपये खर्च किए जाते हैं। यह खास डाइट न केवल ‘राजा’ को ऊर्जा देती है, बल्कि उसकी सेहत और प्रदर्शन को भी बेहतर बनाती है।
मालिक का दावा: ‘राजा’ की बराबरी कोई नहीं कर सकता
‘राजा’ के मालिक अरविंद राय का कहना है कि उनका घोड़ा पूरे भारत में सबसे तेज है। उन्होंने बताया, “हमारा घोड़ा रॉयल है, इसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता।” अरविंद राय ने यह भी कहा कि लाखों रुपये के ऑफर मिलने के बावजूद वह ‘राजा’ को कभी नहीं बेचेंगे।
घुड़दौड़ में अनमोल योगदान
10 सालों में ‘राजा’ ने अपनी तेज़ी और ताकत से घुड़दौड़ के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया है। यह घोड़ा बिहार के लिए गौरव का प्रतीक बन गया है और अपनी शानदार परफॉर्मेंस से अन्य प्रतियोगियों के लिए प्रेरणा बना हुआ है।
‘राजा’ की कहानी न केवल घुड़दौड़ में इसकी सफलता की मिसाल है, बल्कि यह दिखाती है कि सही देखभाल, समर्पण, और मेहनत से किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है।