समस्तीपुर में गुरुवार को स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। सदर अस्पताल गेट पर हुए इस प्रदर्शन में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का पुतला दहन किया गया, जिससे सरकार की नीतियों के प्रति कर्मियों का आक्रोश स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
स्वास्थ्य कर्मियों के नेतृत्व में यह आंदोलन बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री राजीव रंजन की अगुवाई में हुआ। प्रदर्शनकारी कर्मियों ने कलेक्ट्रेट के सामने से एक जुलूस निकाला, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए सदर अस्पताल के गेट पर समाप्त हुआ। यहां पुतला दहन के साथ ही एक सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता रंजना कुमारी ने की। प्रदर्शन के कारण समस्तीपुर-मोहनपुर मार्ग पर करीब आधे घंटे तक यातायात बाधित रहा।
सभा को संबोधित करते हुए बिहार राज्य और राजपत्रित कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत झा ने कहा कि सरकार को FRAS का आदेश वापस लेना चाहिए और समान काम के लिए समान वेतन की व्यवस्था लागू करनी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि निविदा कर्मियों की न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये होनी चाहिए। झा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को जल्द से जल्द नहीं माना, तो पूरे बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी जाएंगी।
जिला मंत्री राजीव रंजन ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई है और स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की NPS के स्थान पर UPS लाई गई है, जिसके विरोध में 2 सितंबर 2024 को एक प्रतिवाद रैली निकाली जाएगी। इस सभा में विभिन्न नेताओं और स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने विचार साझा किए और सरकार की नीतियों की आलोचना की।