samastipur civil hospital: समस्तीपुर जिले के सदर अस्पताल में मरीज बेहतर इलाज के साथ-साथ स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन का आनंद उठा रहे हैं। सदर अस्पताल में दीदी की रसोई खुल जाने से मरीजों के परिजनों को काफी सहूलियत हो रही है। यहां मरीजों को मुफ्त तथा उनके स्वजनों को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल रहा है। यहां पहुंचने वाले लोग भी खाने की तारीफ करते हैं। थालियों में जीविका की रसोई से बना हुआ स्वादिष्ट खाना मरीजों के चेहरे पर मुस्कान ला देती है। अस्पताल प्रबंधक विश्वजीत रामानंद ने बताया कि जीविका दीदियों द्वारा भोजन बनाने का कार्य किया जाता है। सुबह सात से खुलकर दीदी की रसोई रात्रि के आठ बजे तक चलती है। रोगियों को दिनभर में चार समय मुफ्त भोजन उनके बेड तक पहुंचाने की व्यवस्था है। वहीं आम लोग उचित मूल्य पर गुणवत्ता पूर्ण भोजन का आनंद उठा सकते हैं।
गुणवत्ता और स्वच्छता का खास ख्याल : भोजन में गुणवत्ता और स्वच्छता के मानकों का खास ख्याल रखा जा रहा है। साथ ही कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पूरी तरह सावधानी बरती जा रही है। खाना पूरी तरह स्वच्छ और सुरक्षित रहता है। लिहाजा खाने को बाकायदा सिल्वर कवर से ढके जाने के साथ ही हेयर और माउथ मास्क के साथ हाथों में ग्लब्स लगाकर खाने को परोसा जाता है।
मरीज और परिजन रहते हैं खुश : अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज और उनके परिजनों ने बताया खाने में शुद्धता और पौष्टिकता दोनों रहता है। सुबह में चाय-नास्ता दिया जाता है। दोपहर में चावल-दाल। उसी तरह शाम में भी खाना मेनू के अनुसार ही परोसा जा रहा है। अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजन इससे काफी उत्साहित दिखे। मुसेपुर निवासी सरिता कुमारी ने कहा कि जब अस्पताल में ही स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिल रहा है तो बाहर पैसे नहीं खर्च करने पर रहे। सिघिया निवासी पार्वती कुमारी ने कहा कि सुबह में नाश्ता व दोपहर में मिलने वाली खाना की क्वालिटी काफी अच्छी है। धुरलख निवासी अजमेरी खातून का कहना है कि खाना देते समय साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है। खाना खाने में स्वादिष्ट भी है।
एक मरीज के भोजन के लिए मिल रहे 150 रुपये: राज्य स्वास्थ्य समिति के करार के तहत जीविका समूह को प्रति मरीज भोजन के लिए 150 रुपये दिए जा रहे है। जिसमें प्रति वर्ष पांच फीसद की वृद्धि होगी। भुगतान की केंद्रीकृत व्यवस्था होगी। जीविका दीदियों को रसोई के लिए सदर अस्पताल परिसर में बिजली, पानी, शौचालय के साथ स्थान मुहैया कराया गया। हालांकि बिजली बिल का भुगतान स्वयं जीविका दीदियों को अपनी रसोई की कमाई से करना होगा।
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