
समस्तीपुर शहर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में हुई सनसनीखेज लूट ने न सिर्फ शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पुलिस महकमे के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। दिनदहाड़े हुई इस बड़ी वारदात के बाद अब पुलिस जांच में कुछ ठोस सुराग हाथ लगने के संकेत मिल रहे हैं, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

काशीपुर स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र में बुधवार को हुई लूट की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। बदमाशों ने 9.75 किलो सोना और 15 लाख से अधिक नकदी पर हाथ साफ कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की कई टीमें लगातार छापेमारी में जुटी हुई हैं। तकनीकी सहायता के साथ-साथ स्थानीय स्रोतों से भी सूचनाएं जुटाई जा रही हैं।

पुलिस अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से भले ही ज्यादा कुछ कहने से परहेज किया है, लेकिन आंतरिक सूत्रों के मुताबिक इस लूटकांड में शामिल गिरोह की पहचान कर ली गई है। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस जल्द ही बड़ी गिरफ्तारी कर सकती है। मामले में वैशाली, मुजफ्फरपुर, पटना, बेगूसराय और दलसिंहसराय में छापेमारी चल रही है।

शुक्रवार को सदर-1 एसडीपीओ संजय पांडेय खुद बैंक पहुंचे और वहां मौजूद कर्मियों से विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बैंक शाखा प्रबंधक से लूटी गई नकदी और आभूषणों की सूची ग्राहक नामों सहित मांगी। इस दौरान घटना की पुनरावृत्ति कराकर क्राइम सीन को रीकंस्ट्रक्ट किया गया, ताकि आरोपियों के स्केच तैयार किए जा सकें।

पुलिस को कुछ अहम सुराग जेल में बंद अपराधियों से भी मिले हैं। वैशाली और मुजफ्फरपुर जेल में बंद अपराधियों ने समस्तीपुर के कुछ बैंकों में रेकी करने की बात स्वीकार की है। इनसे मिली जानकारियों के आधार पर अब पुलिस कुछ आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी में है। बेउर, बेगूसराय और दमदम जेल में भी पूछताछ का सिलसिला जारी है।

