तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले के कवरापेट्टई रेलवे स्टेशन के पास मैसूर से दरभंगा जा रही बागमती सुपरफास्ट एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हादसे के बाद प्रशासनिक मदद से यात्री सुरक्षित घर लौटे, लेकिन इस दुर्घटना ने उनकी यात्रा को खौफनाक यादों से भर दिया।
शुक्रवार को बागमती एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हो गई, जब वह तमिलनाडु के कवरापेट्टई रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे में ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ में आग भी लग गई, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। ट्रेन में सवार 350 यात्रियों में से समस्तीपुर के 64 यात्री थे, लेकिन हादसे के बाद केवल 25 ही समस्तीपुर स्टेशन पर उतरे। बाकी यात्री दरभंगा तक सफर जारी रखकर सुरक्षित घर पहुंचे।
समस्तीपुर के डीसीआई दिलीप कुमार और रेलवे के कर्मियों ने यात्रियों को समस्तीपुर स्टेशन पर चाय और बिस्किट प्रदान किए, ताकि वे थोड़ी राहत महसूस कर सकें। हादसे से प्रभावित यात्री सुनील कुमार ने बताया कि तेज झटके के कारण वे अपनी सीट से नीचे गिर गए और बेहोश हो गए थे। होश में आने पर उन्होंने खुद को मेडिकल टीम द्वारा उठाते हुए देखा। इस दुर्घटना में उनका सारा सामान खो गया, जिसमें त्योहार के लिए खरीदी गई चीजें भी शामिल थीं। दरभंगा के मोहम्मद नजीर, जो एस 7 कोच में यात्रा कर रहे थे, ने बताया कि हादसे के बाद ट्रेन के जंगल में दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण यात्री घबरा गए थे। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया और यात्रियों की पूरी देखभाल की। दूसरी ओर, मदीना ने बताया कि उनके कोच के पटरी से उतर जाने के बावजूद वे सुरक्षित बच गए और तुरंत कोच से बाहर निकल गए।
दरभंगा के सुरेश यादव ने कहा कि हादसे के बाद उनका सामान गायब हो गया, जिसमें लगभग ₹20,000 नगद और त्योहार के लिए खरीदे गए कपड़े थे। उन्होंने सरकार से गरीब यात्रियों को हुए नुकसान की भरपाई करने की अपील की। वहीं, अन्य यात्रियों ने भी अपनी आपबीती बताते हुए इस हादसे के दौरान हुए आर्थिक नुकसान और डरावने अनुभवों को साझा किया।