समस्तीपुर ने अपनी एक महान विभूति, संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाली प्रोफेसर जान्हवी मुखर्जी को खो दिया। 22 दिसंबर 2024 की ठंडी शाम को उनके निधन की खबर ने शहरवासियों को शोक में डुबो दिया। अपनी प्रतिभा और सादगी के कारण वह न केवल एक आदर्श शिक्षिका थीं, बल्कि समाज में भी उनकी गहरी छवि थी। प्रोफेसर जान्हवी मुखर्जी का जन्म 1942 में हुआ था। उन्होंने 1975 में समस्तीपुर महिला कॉलेज में संगीत की शिक्षिका के रूप में कार्यभार संभाला। अपने समर्पण और अनुभव के कारण उन्हें जल्द ही संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया, जहां से वह सेवानिवृत्त हुईं।
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर मुखर्जी ने महान सितारवादक पंडित रविशंकर से शिक्षा प्राप्त की थी। उनका संगीत प्रेम और निपुणता उन्हें इस क्षेत्र में अद्वितीय बनाता था। उनके विद्यार्थी और सहकर्मी उन्हें एक मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत के रूप में याद करते हैं।
प्रोफेसर मुखर्जी का व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही प्रेरणादायक था। वह समस्तीपुर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य स्वर्गीय एन मुखर्जी की पत्नी थीं। उनके पुत्र डॉक्टर सुप्रियो मुखर्जी और चार्टर्ड अकाउंटेंट सुन्द मुखर्जी ने इस दुख की घड़ी में अपने परिवार को संभालने का संकल्प लिया है।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने भी प्रोफेसर जान्हवी मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “उनका योगदान संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय है। यह क्षेत्र उनके बिना अधूरा महसूस करेगा।”
सोमवार को सुबह 11 बजे मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार और शहर के लोगों ने मिलकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने की योजना बनाई है।
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