समस्तीपुर जिले के बनबीरा पंचायत के मुखिया नारायण शर्मा की हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। इस हत्याकांड में शामिल पूर्व नक्सली राकेश साहनी को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। राकेश की गिरफ्तारी से मामले में कई नए खुलासे हुए हैं, जो अपराध की गहरी जड़ों और पुरानी दुश्मनी की ओर इशारा करते हैं। यह हत्या, स्थानीय राजनीति और नक्सली गतिविधियों के आपसी गठजोड़ को भी उजागर करती है।
मुखिया नारायण शर्मा की हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी राकेश साहनी को गिरफ्तार कर लिया है। डीएसपी बीके मेधावी के अनुसार, राकेश के पास से एक देसी पिस्तौल और गोलियां बरामद की गई हैं, जो हत्या में इस्तेमाल होने की पुष्टि हुई है। जांच में पता चला कि मुखिया और राकेश के बीच पीएम आवास योजना की राशि को लेकर विवाद चल रहा था, जो इस घातक घटना का कारण बना।
घटना के दिन, मुखिया नारायण शर्मा और राकेश साहनी एक अंतिम संस्कार के दौरान नदी किनारे डहिया पुल के पास मिले थे, जहां राकेश ने करीब से उन्हें गोली मार दी। इस घटना ने इलाके में राजनीतिक और आपराधिक गतिविधियों की जटिलता को सामने लाया।
राकेश साहनी की गिरफ्तारी सीमावर्ती वैशाली जिले के जंदाहा थाना क्षेत्र से की गई। यह वही क्षेत्र है जो कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। राकेश के खिलाफ पहले से ही समस्तीपुर और वैशाली जिलों में 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कई नक्सली गतिविधियों से जुड़े हैं। उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को उम्मीद है कि हत्याकांड से जुड़े और भी गहरे पहलुओं का खुलासा होगा।
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