Bihar Caste Census : हिंदू सेना ने नीतीश सरकार के जातिगत गणना कराने के फैसले को देश की अखंडता और एकता को तोड़ने वाला बताया है। वहीं एक अन्य याचिकाकर्ता ने इसे असंवैधानिक करार दिया है।
Bihar News : बिहार में जाति आधारित गणना यानी जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में नीतीश सरकार का जातिगत गणना कराने के लिए जारी की गई अधिसूचना को रद्द करने के मांग के लिए तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इनमें से एक याचिका हिंदू सेना की है। हिंदू सेना ने नीतीश सरकार के जातिगत गणना कराने के फैसले को देश की अखंडता और एकता को तोड़ने वाला बताया है।
इसके अलावा नालंदा के एक सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार ने भी शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है। उसमें उन्होंने बिहार सरकार के जातिगत गणना कराने के फैसले को असंवैधानिक बताया। याचिकाकर्ता का कहना है कि संविधान के मुताबिक सिर्फ केंद्र सरकार को जनगणना कराने का अधिकार है। राज्य सरकार यह काम नहीं कर सकती है। इसलिए नीतीश सरकार के 6 जून 2022 के उस नोटिफिकेशन को रद्द किया जाए, जिसमें जाति आधारित गणना कराने की बात कही।
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख एक दिन पहले बदलकर 27 जनवरी कर दी थी। तकनीकी कारणों की वजह से यह फैसला लिया गया था। हालांकि, बाद में सुनवाई की तारीख फिर से 20 जनवरी ही रखी गई।
बिहार में पहले चरण की जाति आधारित गणना 7 जनवरी को शुरू हुई थी, जो कि सोमवार को खत्म हो जाएगी। पहले चरण में मकानों की गिनती की जा रही है। इसके बाद अप्रैल 2023 में दूसरा चरण आयोजित होगी, जिसमें मकानों के अंदर रहने वाले लोगों की जातियां और अन्य जानकारी जुटाई जाएंगी।