बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटर और मैट्रिक परीक्षाओं को लेकर इस बार की तैयारी पहले से कहीं अधिक सख्त और सुव्यवस्थित है। परीक्षा केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ छात्रों की सुविधा और नकल रोकने के लिए प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
इंटरमीडिएट और मैट्रिक की वार्षिक परीक्षाओं के लिए जिले में क्रमशः 77 और 78 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें छात्राओं के लिए विशेष केंद्र और मॉडल केंद्र भी शामिल हैं। परीक्षा केंद्रों का भौतिक सत्यापन पूरा कर रिपोर्ट बोर्ड ऑफिस को भेज दी गई है।
परीक्षा केंद्रों पर बुनियादी सुविधाएं जैसे शौचालय, पेयजल, बिजली और चाहरदीवारी सुनिश्चित की गई हैं। बोर्ड ने इस बार परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी दक्षता को भी प्राथमिकता दी है। प्रत्येक केंद्र पर एंड्रॉइड एप संचालन के लिए प्रशिक्षित कंप्यूटर शिक्षक तैनात किए जाएंगे। साथ ही, प्रश्नपत्र संवाहक और सहयोगी शिक्षकों के नाम और संपर्क नंबर पहले से निर्धारित किए गए हैं।
शिक्षा विभाग ने इस बार कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाने की योजना पर पुनर्विचार किया। परीक्षार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कॉलेजों में भी केंद्र बनाए गए हैं। शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी 10 से 18 किलोमीटर के दायरे में केंद्र स्थापित किए गए हैं ताकि छात्रों को लंबी दूरी तय न करनी पड़े।
परीक्षा को नकलमुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। केंद्र पर सभी व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए पर्याप्त अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होगी।
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