समस्तीपुर शहर में इन दिनों मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। जिससे लोग काफी परेशान हैं। लोगों ने नगर प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए फॉगिंग मशीन चलाने या छिड़काव कराने की मांग की है। लोगों ने बताया कि बदलते मौसम एवं नगर क्षेत्र में व्याप्त गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप इन दिनों अचानक बढ़ गया है। जिससे नगरवासियों (Samastipur Nagar Nigam) को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि इस भीषण गर्मी में शाम होते ही लोगों को घरों के खिड़की दरवाजों को बंद करना पड़ रहा है। ताकि मच्छरों से बचाव हो सके। नगरवासी मच्छरों से बचने के लिए कई तरह के साधनों का उपयोग कर रहे हैं। फिर भी राहत नहीं मिल रही है। हालत यह है कि रात में सोते वक्त मच्छरदानी का उपयोग नहीं किया जाए तो सोना मुश्किल हो जाता है।
दिन में भी मच्छरों के आतंक से लोग परेशान :
लोगों की मानें तो मच्छरों के बचाव को निजी इंतजाम नहीं किए जाएं तो घंटे दो घंटे भी लोग शांति से बैठ नहीं सकते। मच्छरों के आतंक से दिन में भी लोग परेशान हैं। नगर में फॉगिंग नहीं होने से खासकर मच्छरों के आतंक से छोटे बच्चे, बूढ़े एवं महिलाओं को अधिक कठिनाई हो रही है। नगरक्षेत्र के अधिकांश मुहल्ले में जल-जमाव की समस्या बनी है । जलजमाव होने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढऩा कोई बड़ी बात नहीं है। ऊपर से नगर के अधिकांश मुहल्ले के नाले में जमी गंदगी मच्छरों का आतंक बढ़ाने में सहायक साबित हो रही है। मुहल्ले में गंदगी होने के कारण संक्रामक रोग एवं मच्छरों का प्रकोप का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इसकी प्रवाह नगर प्रशासन को नहीं है।

लोगों का सता रहा डेंगू का भय :
बता दें कि बिहार में इन दिनों डेंगू के मामले तेजी से फैल रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले एक महीने में 1307 मरीजों सहित अब मामलों की संख्या बढ़कर 1,582 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले 24 घंटे में डेंगू के 250 नए मामलों का पता लगाया है। बिहार में सबसे ज्यादा प्रभावित जिला भागलपुर है। वहीं राजधानी पटना, सिवान, बेगुसराय, रोहतास समेत अन्य जिलों में भी डेंगू के मामले सामने आये हैं। जिसके कारण समस्तीपुर में भी लोगों को मच्छरों के काटने से होने वाला डेंगू का भय सताने लगा है। लेकिन लोगों को इस प्रकोप से बचाने के लिए नगर निगम ने अभी तक फॉगिंग नहीं कराई है।
क्वायल और अगरबत्ती भी हो रहे बेअसर:
मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए नगर निगम (Samastipur Nagar Nigam) से निराश लोगों को निजी व्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ रहा है। लोग इसके लिए कई कंपनियों द्वारा उत्पादित अगरबत्ती, मच्छर क्वायल व फास्ट कार्ड तथा अन्य प्रकार के मच्छरों से बचाने वाले उत्पादों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन यह उपाय भी मच्छरों से बचाव के लिए सक्षम साबित नहीं हो रहे हैं।
क्वायल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक :
बता दें कि मच्छर मारने वाले क्वायल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। चिकित्सकों का कहना है कि मच्छर मारने के लिए जो क्वायल या फिर गुडनाइट जलाते हैं, वह सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा नुकसानदायक है। लोगों की मानें तो मच्छरों के बचाव को निजी इंतजाम नहीं किए जाएं तो घंटे दो घंटे भी लोग शांति से बैठ नहीं सकते।
बचाव को लेकर नगर प्रशासन लापरवाह :
बता दें कि एक तरफ गंदगी तो दूसरी तरफ बदलते मौसम के कारण मोहल्लों में मच्छरों की बाढ़ सी आ गई है। गली – मोहल्लों में भरे गंदे पानी में पनप रहे मच्छरों का आतंक से घरों में रहने वाले लोगों में डेंगू जैसे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। नगर निगम के कुल 47 वार्डों में मच्छरों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि लोगों को काफी फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है। विदित हो कि मच्छरों के काटने से कई तरह के रोग होने का डर रहता है। मगर नगर प्रशासन लापरवाह बना हुआ है, इससे बचाव तो दूर नगर प्रशासन फॉगिंग के लिए भी तैयार नहीं हैं।