समस्तीपुर सहित देशभर में बढ़ रहे साइबर क्राइम एवं ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए समस्तीपुर की जिला पुलिस ने जिला वासियों के लिए नया नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के जरिए पुलिस ने कॉल फॉरवर्डिंग के जरिए की जा रही धोखाधड़ी के बारे में जिला वासियों को सूचित किया है। जारी सूचना में बताया गया है कि साइबर क्राइम अपराधियों द्वारा *401* स्कैम शुरू की गई है।
Call Forwarding Scam or *401*Scam#समस्तीपुर पुलिस आप सभों से आग्रह करती है की किसी भी धोखेबाज के झांसे में न आयें।
कभी भी किसी के कहने पर *401*xxxxxxxxxx डायल ना करें।
वित्तीय #धोखाधड़ी की सूचना देने के लिए 1930 डायल करें।" समस्तीपुर पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर "… pic.twitter.com/xg36Wr9OHa
— Samastipur Police (@Samastipur_Pol) November 21, 2023
कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम क्या है?
कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम एक भ्रामक योजना है जहां घोटालेबाज मोबाइल या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के ग्राहक सेवा प्रतिनिधी बनकर यूजर्स को धोखा देते हैं। वे स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं से संपर्क करते हैं, उनके मोबाइल इंटरनेट, अकाउंट सुरक्षा या सिम कार्ड के साथ समस्याओं होने का दावा करते हैं। ग्राहक का विश्वास हासिल करने के लिए वे तुरंत समस्या का समाधान करने के लिए कहते हैं और प्रोसेस के नाम पर एक विशिष्ट नंबर 401 डायल करने के लिए कहते हैं।
इसके बाद घोटालेबाज के नंबर पर कॉल फॉरवर्डिंग एक्टिवेट हो जाता है। इसके बाद घोटालेबाज यूजर्स के कॉल और मैसेज यानी ओटीपी तक को एक्सेस कर सकते हैं। यह स्कैम इतना खतरनाक है कि पीड़ित को ओटीपी और इन कॉल को लेकर कोई जानकारी नहीं मिलती है, क्योंकि उनका फोन नहीं बजता। घोटालेबाज ओटीपी के जरिए आपका बैंक अकाउंट खाली भी कर सकते हैं।
कैसे रहें सुरक्षित?
कोड डायल करने या SMS भेजने से बचें: कभी भी कोड डायल न करें या अज्ञात सोर्स द्वारा भेजे गए टेक्स्ट मैसेज का जवाब न दें। कॉल फॉरवर्डिंग को एक्टिवेट करने के लिए स्कैमर्स अक्सर इन तरीकों का उपयोग करते हैं।
फोन की सिक्योरिटी बढ़ाएं: अपने स्मार्टफोन को सुरक्षित करने के लिए पासकोड या बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें, जिससे आपके डिवाइस तक अनधिकृत पहुंच को रोका जा सके।
संवेदनशील जानकारी शेयर करने से बचें: कभी भी अपने आईएसपी या मोबाइल नेटवर्क प्रदाता से होने का दावा करने वाले कॉल करने वालों के साथ ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी साझा न करें। कोई भी डाटा साझा करने से पहले उनकी पहचान वेरीफाई कर लें।