समस्तीपुर में जद्दोजहद के बाद, मेयर की सहमति से 25 नवंबर को नई तिथि पर नगर निगम बोर्ड की बैठक होने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक के एजेंडे में वही मुद्दे होंगे जो 17 जुलाई की बैठक के लिए निर्धारित थे। नगर निगम के आयुक्त विभूति रंजन चौधरी ने सभी 47 वार्ड पार्षदों, स्थानीय विधायक, और विधान पार्षद के अलावा सांसद को बोर्ड की इस बैठक में शामिल होने के लिए पत्र भेजा है।
नगर निगम बोर्ड की नियमित बैठक नगर निगम के लिए आवश्यक है, जो शहर के विकास से जुड़े प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर चर्चा, विचार-विमर्श के बाद निर्णयों को पारित करता है। नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति में लिए जाने वाले निर्णय भी इस बैठक में पेश किए जाएंगे।
बोर्ड से पारित होने के बाद उन पर शहर में काम शुरू किया जाता है। लेकिन शहर के विकास से जुड़े कई नीतिगत मामलों पर नगर निगम महीनों से फैसले नहीं ले पा रहा है। इसका कारण यह है कि समस्तीपुर नगर निगम बोर्ड की बैठक पिछले 17 जुलाई को होनी थी लेकिन पार्षदों के विरोध की वजह से रद्द करना पड़ा था। उसके बाद से बोर्ड की बैठक की तिथि लगातार टलती रही। अब जाकर बैठक की तिथि तय हो पायी है।
इन मुख्य एजेंडों पर लिए जाने हैं निर्णय पुराने पोस्टमार्टम रोड में जिला परिषद कैंपस व पटेल मैदान रोड के पास वेंडिंग जोन का निर्माण, नगर भवन का जीर्णोद्धार व उस कैंपस में दुकानों का निर्माण, पटेल मैदान को नगर निगम के अधीन करने पर विचार, नल जल योजना से सभी वार्डों में जलापूर्ति की नई व्यवस्था पर विचार, जल जीवन हरियाली योजना से लगुनिया रघुकंठ पोखर, काशीपुर में दुर्गा पैलेस के निकट जर्जर सरकारी पोखर व खिरहर पोखर जितवारपुर चौथ का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण करने, कर्पूरी बस पड़ाव में जनता भोजनालय व दुकानों का निर्माण आदि कार्य रुके हुए हैं।
मैं नियमित रूप से नगर निगम बोर्ड की बैठक बुला कर शहर के विकास में तेजी लाना चाहती हूं। यह तभी संभव है जब सभी वार्ड पार्षद हमारे साथ हों। बैठक में सभी पार्षदों व जनप्रतिनिधियों की सामुहिक राय एक मंच पर आती है। बोर्ड की बैठक का विरोध करना जनता के हित में नहीं है।-अनिता राम, मेयर