Samastipur : समस्तीपुर – दरभंगा 40 किलोमीटर दोहरीकरण योजना तीन सालों में होनी थी पूरी, आठ साल गुजर जाने के बाद भी 12 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाना बाकि है। रामभद्रपुर- हायाघाट, हायाघाट- थलवारा रेलवे स्टेशनों के बीच चौथे चरण में चल रहा है योजना पर कार्य, लेकिन इन स्टेशनों के बीच पांच बड़े पुलों के निर्माण कार्य में हो रही देरी के कारण अभी भी योजना के पूर्ण होने में कम से कम तीन से चाल सालों का और समय लग सकता है।
हालांकि समस्तीपुर रेलवे मंडल (Samastipur Rail Divison) के डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने कहा कि दिसंबर 2024 तक योजना को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। हाल ही में पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) के महाप्रबंधक ने स्थल निरीक्षण किया है। इस कार्य को टॉप प्राइरिटी में रखा गया है। रेलवे लाइन के लिंकिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। पुल का निर्माण पूर्ण होते ही दोहरीलाइन पर ट्रेन दौड़ने लगेगी।
कहां तक पहुंचा काम :
वर्ष 2015 में 519 करोड़ की लागत से दोहरीकरण का कार्य शुरु हुआ, जिसमें रेलवे ट्रैक एवं पुल के लिए 491 करोड़ एवं 28 करोड़ रुपए इलेक्ट्रिक वायरिंग के लिए आवंटित हुआ था। इस कार्य को 3 साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन आठ सालों में 28 किलोमीटर रेलवे सफर तय कर पायी है। जबकि कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए योजना को तीन चरणों में बांटा गया था। रेलवे के निर्माण विभाग की ओर से इस खंड पर पहले चरण में समस्तीपुर-किशनपुर 10.50 किलोमीटर एवं दूसरे चरण में दरभंगा-थलवाड़ा 9.50 किलोमीटर में दोहरीकरण का कार्य पूरा हुआ है। तीसरे चरण में किशनपुर-रामभद्रपुर के बीच कार्य पूरा हो चुका है। कार्य में विलंब को देखते हुए इस योजना को पुन: शेष बचे रेलखंड को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में रामभद्रपुर- हायाघाट व दूसरे चरण में हायाघाट- थलवारा के बीच कार्य को पूर्ण करना है।
कहां फंसा हुआ है पेंच :
रामभद्रपुर – हायाघाट के बीच पुल नंबर 14, 15 व 15 ए का निर्माण किया जाना है। अभी इन पुलों के निर्माण में काफी देरी लगेगी। पुल नंबर 14 व 15 ए का कार्य लगभग हो गया है। जबकि पुल 15 पर कार्य काफी बचा हुआ है। रेलवे के अधिकारियों का मनना है कि पुल के निर्माण में अभी कई वर्ष लग सकता है। इसी तरह हायाघाट- थलवारा के बीव बागमती व करेह नदी पर पुल नंबर 16 व 17 का निर्माण किया जाना है। इन दोनों पुल पर काफी कार्य बच हुआ है। कार्य की प्रगति से नहीं लगाता कि पांचों पुल दो साल के अंदर बन कर तैयार हो सकते हैं। पुल बनने के बाद ही दोहरीलाइन पर परिचालन संभव है।
क्या बोले DRM ?
DRM विनय श्रीवास्तव ने कहा कि पहले इस योजना को तीन चरणों में बांटा गया था, लेकिन काम में हो रही देरी को देखते हुए पूरी योजना को पांच चरणों में बांटा गया। अभी रामभद्रपुर- थलवारा के बीच कार्य चल रहा है। दिसंबर 2024 तक कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य है। हाल ही में जीएम सर ने भी कार्य का जायजा लिया है। कार्य में देरी के पीछे कोराना मुख्य कारण रहा। दो सालों तक कार्य सही से नहीं हो पाया। अब युद्ध स्तर कार्य चल रहा है। लक्ष्य के हिसाब से कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है। रेलवे के निर्माण विभाग के अभियंता कार्य में लगे हुए हैं।
INPUT: DAINIK BHASKAR