बदतर हुई समस्तीपुर की एयर क्वालिटी, AQI 300 के पार. Samastipur Air Quality Index AQI

Samastipur | समस्तीपुर जिले में रविवार 12 नवंबर को दीपावली धूमधाम से मनाई गई। जिलेभर के लोगों ने दीपावली के दौरान जमकर आतिशबाजी भी की। जिसके बाद अब सोमवार सुबह से ही समस्तीपुर के वायु की गुणवत्ता काफी खराब देखी जा रही है। जिले में गूगल के एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार समस्तीपुर की एयर क्वालिटी 300 के पार पहुंच गई जो कि अपने आप में काफी घातक है। जिसे इंडिया नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के स्केल पर काफी खराब माना जाता है।

आपको बताते चले कि बीते ही दिनों समस्तीपुर के जिलाधिकारी ने वायु की गुणवत्ता को लेकर समीक्षा बैठक की थी। जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह के द्वारा पराली जलाए जाने,वायु प्रदूषण, वन पर्यावरण, वृक्षारोपण, जल- जीवन-हरियाली, आर्द्र भूमि विकास, चौर विकास, जैव चिकित्सा अवशिष्ट, सिंगल यूज प्लास्टिक एवम गंगा समिति की की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में की गई।

समीक्षा के दौरान बताया गया की समस्तीपुर शहर की वायु की गुणवत्ता 320 के स्तर पर पहुंच गई है। बताते चलें की वायु गुणवता सूचकांक 300 से ऊपर जाने वायु प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से वायु की यह गुणवत्ता काफी खराब है। जिला पदाधिकारी के द्वारा समीर ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर वायु गुणवत्ता देखने की सलाह दी। ठंड के मौसम में वायु की गुणवत्ता खराब हो जाती है। वायु गुणवत्ता खराब होने से वृद्ध एवम बीमार लोगों को श्वसन संबंधी समस्याएं ज्यादा परेशान करती है।

जिला पदाधिकारी के द्वारा सड़क,भवन निर्माण विभाग के पदाधिकारियों इसपर करवाई करने का निर्देश दिया। निर्माणाधीन भवनों के आज तिरपाल लगाने,बालू एवम सीमेंट की धुलाई करते वक्त उसको ढक कर ले जाने का निर्देश दिया। अगर कोई भी वहां जिससे बालू एवम सीमेंट की धुलाई की जा रही है, बिना ढके हुए पाई जायेगी तो उसको जब्त कर जुर्बाना लगाया जाएगा एवम वायु गुणवत्ता अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

जिला पदाधिकारी के द्वारा सड़कों पर पानी छिड़काव का भी निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया। सीएनजी गाड़ियों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया। वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारण पराली जलाया जाना भी है। जिला पदाधिकारी के द्वारा किसान चौपाल में फसल अवशेष नही जलाने के संबंध में चर्चा करने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी के द्वारा कृषि विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया की किसानों को बीज वितरित करते वक्त उनसे एक शपथ पत्र लें की वे कि वे फसल अवशेष नही जलाएंगे।पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित करने तथा उनपर दंडात्मक करवाई करने का निर्देश कृषि पदाधिकारी को दिया गया।

जिला पदाधिकारी के द्वारा जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया गया मार्गदर्शिका के अनुसार उन किसानों के धान का क्रय नही करना है,जिन्होंने खेतों में पराली जलाई हो। इस संबंध में गन्ना किसानों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया
वृक्षारोपण के लिए मियाबंकी विधि से लगाए गए वृक्षारोपण के साइटों की समीक्षा की गई। मियाबांकी विधि से जंगल की तरह पेड़ पौधों को लगाया जाता है। जिला मत्स्य पदाधिकारी के द्वारा बताया गया की 16 नवंबर को गंगा नदी में, मोहनपुर के सरारी घाट में नदी मछली का बीज डाला जायेगा।