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Friday, September 22, 2023

Samastipur | समस्तीपुर नगर निगम में शामिल नए ग्रामीण क्षेत्र के पार्षद होल्डिंग टैक्स के विरोध में करेंगे आंदोलन.

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समस्तीपुर टुडे | एक न्यूज़ वेबसाइट है जिसपर समस्तीपुर जिले और इसके आसपास के क्षेत्रों की समाचार प्रकाशित किए जाते हैं.

Samastipur News : समस्तीपुर नगर निगम क्षेत्र के एक लाख से अधिक निवासी होल्डिंग टैक्स का भुगतान करने को लेकर समस्तीपुर नगर निगम (एसएमसी) के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इसको लेकर नगर निगम में शामिल किए गए 16 पंचायतों के वार्ड पार्षदों ने एक संघर्ष समिति बनायीं है जिसके बैनर तले इस आंदोलन को अंजाम दिया जायेगा।

दरअसल नगर निगम में ग्रामीण परिवेश के 16 पंचायतों को शामिल किया गया है। इन नवगठित वार्डों में समस्तीपुर नगर निगम (एसएमसी) के द्वारा गठन के नोटिफिकेशन के समय से होल्डिंग टैक्स और उस पर जुर्माना वसूला जा रहा है। इसके विरोध में नवगठित वार्डों के पार्षदों का तर्क है कि इन क्षेत्रों में अभी किसी प्रकार की सुविधा शुरू ही नहीं की गयी तो फिर उस पर टैक्स और दो साल विलंब के लिए जुर्माना किस आधार पर लिया जा रहा है।

पार्षद संघर्ष समिति के संयोजक शिव शम्भू प्रसाद ने बताया कि समस्तीपुर नगर निगम में शामिल किए गए ग्रामीण परिवेश के 16 पंचायतों के तमाम इलाके निगम के गठन के एक वर्ष बाद भी शहरी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इन क्षेत्रों में अभी भी लोग पेयजल सहित सड़क, बिजली, स्ट्रीट लाइट, जलनिकासी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का आभाव है। जलजमाव व गंदगी के कारण लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं। सुविधा के नाम पर नगर निगम की उपलब्धियां शून्य है। इसलिए इन क्षेत्रों के निवासियों से होल्डिंग टैक्स मांगने का नगर निगम को अभी कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि पार्षद संघर्ष समिति के बैनर तले एक प्रतिनिधिमंडल निगम के मेयर अनीता राम से मिलकर उनसे हस्तक्षेप की मांग भी की गयी है। लेकिन अभी नगर प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है और टैक्स की जबरन वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी बात नहीं सुनी गयी तो हम इसके लिए सड़क पर चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

बता दें कि ग्रामीण परिवेश के 16 पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया है। जहां पक्का मकान के साथ ही कर्कट व फूस के मकान भी मौजूद हैं। अब ऐसे सभी मकानों में रहने वाले लोगों को टैक्स देना होगा। यह टैक्स वार्षिक किराया निर्धारण के अनुसार देना होगा। इसके लिए नगर निगम की सड़कों को प्रधान मुख्य, मुख्य व अन्य सड़क में बांटा गया है। वहीं सभी सड़कों पर सभी प्रकार के आवासों का वार्षिक आधार पर अलग-अलग टैक्स तय किया गया है। इसके अलावे खाली पड़े व खेती वाले जमीन का भी 28 पैसे प्रति स्क्वायर फीट की दर से सालाना टैक्स देना होगा।

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