समस्तीपुर नगर निगम का कूड़ा डंपिंग बना जितवारपुर का छठ घाट, एनजीटी के नियम का उल्लंघन. Jitwarpur Chhath Ghat

समस्तीपुर नगर निगम का सीमावर्ती हकीमाबाद पंचायत में एक बहुत ऐतिहासिक राजघाट स्थित है। इस स्थान पर बूढी गंडक नदी का प्राचीन राजघाट है, जहां आसपास के क्षेत्रों से लोग महापर्व छठ पर अर्घ्य अर्पित करने के लिए पहुंचते हैं। इस प्रमुख स्थल के बगल में, नगर निगम ने कूड़े के डंप शेड बना दिया है, लेकिन इस डंप में आग लग गई है, जिससे उठने वाले धुएं से लोग बीमार हो रहे हैं।

कटाव के कारण सड़कों की हालत भी खराब हो गई है और साथ ही, नदी के किनारे एक टापू जैसा बन गया है, जिससे विसर्जन के अवशेष नदी से बाहर आ गए हैं। महापर्व छठ तक अब केवल 10 दिन रह गए हैं, लेकिन अब तक घाटों की सफाई का कार्य शुरू नहीं हुआ है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं।

ग्रामीण बताते हैं कि स्थानीय एक द्वारा नगर निगम क्षेत्र का कूड़ा यहां डंप कराया जाता है। जिससे घाट पर आने वाले लोगों की परेशानी बढी हुई है। उनके द्वारा बताया गया था कि 5 नवंबर से जले कूड़े पर मिट्टी रखने का काम करेंगे, लेकिन अब 9 नवंबर गुजर रहा है। इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कूड़ा में जलने वाले मेडिकल कचरा, पन्नी आदि के कारण लोगों को सांस लेने तक में परेशानी हो रही है। पशुओं में भी रोग फैल रहा है।

आपको बता दे कि, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के अनुसार नदी के तट से 100 मीटर तक के क्षेत्र को ‘नो डेवलपमेंट जोन’ घोषित किया है। एनजीटी ने कहा कि नदी के तट से 500 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का कचरा डंप नहीं होना चाहिए। एनजीटी ने ये भी कहा कि नदी में कचरा डंप करने वाले किसी को भी 50 हजार रूपए का पर्यावरण जुर्माना देना होगा।