समस्तीपुर जिले में डेंगू की स्थिति (Dengue situation serious in Samastipur) गंभीर होती जा रही है। निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीज भड़े पड़े हैं। शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में करीब पांच सौ मरीज डेंगू का इलाज करा रहे हैं, वहीं अब तक पूरे बिहार में 4457 डेंगू के मरीजों की संख्या पहुंच गई है। शहर के रामबाबू चौक स्थिति एक निजी अस्पताल में अब भी पांच मरीजों का अस्पताल के वार्ड में उपचार हो रहा है। जबकि डॉ. सोमेंदु मुखर्जी ने बताया कि एक महीने के दौरान उन्होंने 250 से अधिक डेंगू पॉजिटिव केस देखे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा अलग है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले में डेंगू के अब तक मात्र 29 रोगी चिह्नित किए गए हैं। उनका इलाज सदर अस्पताल में किया गया है। सभी मरीज अब ठीक हो गए हैं। एक स्वास्थ्य कर्मी समेत कुछ लोगों का उपचार उनके घर पर भी चल रहा है। हालांकि अभी तक जिले में डेंगू से मौत की खबर नहीं है।
नया लक्षण लेकर आया है डेंगू :
शहर के डॉक्टर सोमेंदु मुखर्जी ने कहा कि इस बार डेंगू का लक्षण बदला हुआ है। इस बार डेंगू के मरीजों को डायरिया के साथ ही सर्दी-खांसी, शरीर में दर्द और आंखों में जलन हो रही है। उन्होंने कहा कि उनके यहां रोजाना करीब आठ-दस मरीजों में डेंगू के पॉजिटिव केस मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू मरीजों के इलाज में दिक्कत इसको लेकर भी है कि समस्तीपुर प्लेटलेट्स नहीं मिल पाते। इससे अगर किसी मरीज के प्लेटलेट्स काफी कम हैं तो उसे पटना भेजना पड़ता है। डा. मुखर्जी ने कहा कि इस समय किसी भी तरह का बुखार हो तो उसे हल्के में नहीं लें, तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
सदर अस्पताल में है डेंगू जांच की व्यवस्था :
सदर अस्पताल के एनसीडी डॉ. विजय कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में डेंगू जांच की पूरी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी जांच केंद्रों को निर्देश जारी किया गया है कि जिस मरीज की भी वे डेंगू जांच करते हैं। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उस मरीज का ब्लड सैंपल सदर अस्पताल को भेजें। जहां एलाइजा जांच की जाएगी और एलाइजा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसे डेंगू का मरीज माना जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में घबराने वाली स्थिति नहीं है। सभी 29 मरीज ठीक हो चुके हैं। सदर अस्पताल प्रशासन सर्तक है।