समस्तीपुर में छठ पूजा पर घाटों की साफ – सफाई कराने में नगर निगम सुस्त, घाटों पर गंदगी का अंबार | Samastipur Chhath Puja 2023

Samastipur : समस्तीपुर में नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा इस पर्व का समापन 20 नवंबर को होगा। छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे बड़ा त्योहार होता है। इस पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य देते हुए समापन होता है।

बता दें कि छठ पूजा के दौरान शहर से सटे बूढ़ी गंडक नदी के तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इसके लिए नदी के तटों पर मौजूद छठ घाटों की साफ़ सफाई और दुरुस्त करने की जिम्मेदारी समस्तीपुर नगर निगम की है। लेकिन नगर निगम द्वारा अब तक घाटों की साफ-सफाई शुरू नहीं की गई है। महापर्व छठ में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने में महज एक दिन बचे हैं। जिसके कारण शहर के लोगों ने प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश है।

बता दें कि बूढ़ी गंडक नदी के तट पर स्थित कई घाटों की स्थिति काफी दयनीय है। इनमें जितवारपुर कोठी घाट से लेकर जितवारपुर चौथ घाट तक जगह-जगह दलदल और कटाव के कारण घाट खतरनाक हो गई है। जितवारपुर कोठी घाट के पास तो कई सीढ़ियां कटाव की भेंट चढ़ चुकी है। उधर, निगम प्रशासन द्वारा जितवारपुर के इलाके में अब तक साफ सफाई शुरू नहीं किए जाने के कारण लोगों ने अपने स्तर से भी जेसीबी व मजदूर लेकर घाटों की सफाई शुरू कर दी है।

इधर निगम प्रशासन की उदासीनता के कारण अब लोगों ने खुद साफ-सफाई की कमान संभाल ली है। शहर के बूढी गंडक नदी किनारे लोग कुदाल, खुरपी लेकर घाटों के निर्माण में जुट गए हैं। यहां तक कि लोग खुद ही लाइटों की भी व्यवस्था कर रहे हैं।

शहर के बूढी गंडक नदी के बहादुरपुर घाट पर जितवारपुर और आसपास के लोग घाटों के निर्माण में जुटे थे। लोगों ने बताया कि निगम प्रशासन द्वारा घाटों पर सिर्फ खाना पूर्ति की गई है। अब लोग खुद घाटों की साफ सफाई के साथ ही लाइटों की भी व्यवस्था कर रहे हैं। ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो।

इस मामले पर समस्तीपुर नगर निगम की मेयर अनिता राम ने कहा कि निगम क्षेत्र के चकनूर से लेकर जितवारपुर कोठी घाट तक निगम के मजदूरों के द्वारा साफ – सफाई कराया जा रहा है। अधिकतर स्थानों पर प्रथम चरण की सफाई पूरी कर ली गई है। मजदूर अंतिम टच देने में लगे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि तय वक्त के अंदर सभी घाटों की साफ़ सफाई और दुरुस्त करने पर काम पूरा कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि शहर से सटे बूढ़ी गंडक के तट पर लाखों की संख्या में लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए पहुंचते हैं।

 

छठ पूजा कैलेंडर 2023 :

छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय 17 नवंबर, दिन शुक्रवार
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना (लोहंडा) 18 नवंबर, दिन शनिवार
छठ पूजा का तीसरा दिन छठ पूजा, संध्या अर्घ्य 19 नवंबर, दिन रविवार
छठ पूजा का चौथा दिन उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण 20 नवंबर, दिन सोमवार