तमिलनाडु के चेन्नई के पास मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस की एक मालगाड़ी से टक्कर होने से बड़ा हादसा हुआ। 11 अक्टूबर की रात को हुए इस हादसे में 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और एक कोच में आग लग गई। इस हादसे में 19 लोग घायल हुए हैं। हादसे के वक्त ट्रेन में करीब 1360 यात्री सवार थे, जिनमें से कई बिहार लौट रहे थे।
चेन्नई के पेरंबूर से ट्रेन पकड़ने वाले दरभंगा के विनोद यादव (42) ने इस भयावह हादसे की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दीपावली और छठ की छुट्टियों के लिए वह अपने साले के बेटे मुकेश के साथ दरभंगा लौट रहे थे। एम-42 बोगी में सफर कर रहे विनोद ने कहा, “ट्रेन चलने के करीब आधे घंटे बाद अचानक जोर से हिलने लगी और लोग चिल्लाने लगे। जैसे ही हम बाहर निकले, लोग इधर-उधर भागते नजर आए।”
वहीं, बी-2 एसी बोगी में सफर कर रहे पटना के निवासी आलोक कुमार (55) और उनकी पत्नी डेजी बर्तियार (52) भी हादसे का शिकार हुए। आलोक कुमार ने बताया कि ट्रेन के अचानक डगमगाने और बोगी के पलटने से उनकी पत्नी बेहोश हो गई। “मैं अपनी पत्नी का इलाज करवाकर सीएमसी वेल्लोर से लौट रहा था। रात 7:45 बजे ट्रेन पकड़ी थी। करीब 8:30 बजे घने जंगल में ट्रेन अचानक हिलने लगी और बोगी पलट गई। मेरी पत्नी बेहोश हो गई, लेकिन जैसे-तैसे मैंने उन्हें बाहर निकालने का प्रयास किया,” आलोक ने बताया।
हादसे में कई बोगियों पर गंभीर असर पड़ा। बी-1 बोगी के ऊपर दूसरी बोगी चढ़ गई, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई। एक बोगी में आग लग गई थी, जिससे लोग घबराकर इधर-उधर भाग रहे थे। प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को निकाला गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। आलोक कुमार की पत्नी को भी सरकारी अस्पताल में इलाज के बाद होश आया। इसके बाद उन्होंने स्थानीय ट्रेन से चेन्नई पहुंचकर पटना की ओर यात्रा शुरू की।
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