समस्तीपुर में मध्याह्न भोजन खाने से 100 बच्चे बीमार हो गए। पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद सभी बच्चों को सदर अस्पताल (Samastipur) में भर्ती कराया गया है। घटना जिले के उजियारपुर प्रखंड के चांदचौर स्थित कन्या मध्य विद्यालय की है। चांद चौर मथुरापुर की शीला कुमारी ने कहा कि उनके तीन बच्चे हैं मनिशा, अंकित और आंचल । तीनों मध्याह्न भोजन खाकर घर लौटे तो पेट दर्द और उल्टी होने लगी। जब वे स्कूल पहुंचे तो वहां खिचड़ी में लाल कपड़े में सल्फास मिला। बच्चों ने कहा कि घर आते-आते पेट दर्द होने लगी। हालांकि डॉक्टरों ने कहा कि अब सभी ठीक हैं।
परिजनों ने कहा- खिचड़ी में सल्फास था :
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर में बच्चों ने स्कूल में NGO द्वारा सप्लाई की गयी मध्याह्न भोजन (एमडीएम) खाया था। इसके बाद बच्चे घर चले गए। इसी दौरान कुछ बच्चों में पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हुई, जिसके बाद कुछ अभिभावक स्कूल पहुंच कर एमडीएम की जांच की तो भोजन में लाल कपड़ा में टैबलेट जैसे कुछ मिला। हल्ला होने के बाद स्कूल के अधिकतर बच्चों में पेट दर्द और उल्टी की शिकायत शुरू हो गई। इलाके में यह बात आग की तरह फैल गई और अभिभावक के साथ बच्चे स्कूल पर जमा होने लगे, इसके बाद सौ के करीब बच्चों को एंबुलेंस से सदर अस्पताल भेजा गया।

सभी बच्चे खतरे से बाहर :
बच्चों का उपचार करने वाले डॉक्टर पी.डी. शर्मा ने कहा कि स्कूल के करीब 100 बच्चे शनिवार को मध्याह्न भोजन (एमडीएम) खाने के बाद बीमार पर गए। सभी बच्चों को पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद सदर अस्पताल लाया गया। कुछ बच्चों में फूड प्वाईजनिंग की समस्या थी। हालांकि अब सभी बच्चे ठीक हैं। सभी खतरे से बाहर हैं। अभी बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए सदर अस्पताल में ही रखा गया है। बच्चों को ओआरएस आदि दिया जा रहा है।
आसामाजिक तत्वों की करतूत :
इस घटना के संबंध में (Samastipur) उजियारपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) नागेद्र प्रसाद ने कहा कि मध्याह्न भोजन (एमडीएम) में लाल कपड़े में कुछ टैबलेट जैसा कुछ मिला है। उन्होंने कहा कि खाने में सल्फस की गोली नहीं थी। लाल रंग का कागज का टुकड़ा था। इसकी जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सभी बच्चे सुरक्षित हैं।