Samastipur : महिला सिपाही की खुदकुशी से पुलिस महकमे पर उठे सवाल, परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप.

समस्तीपुर में एक महिला सिपाही की आत्महत्या के बाद कई सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि महिला आरक्षी पिछले कई दिनों से परेशान थी। महिला आरक्षी के परेशान रहने की खबर सभी पुलिस कर्मी को थी। अगर समय से पुलिस महकमे के जिम्मेदार चेत जाते तो शायद यह घटना न होती। बताया जाता है कि महिला का सिपाही पति पिछले दो महीने से सस्पेंड था जिसके बाद से वह परेशान रह रही थी। वहीं महिला के पति ने मेजर पर पैसे और मिठाई मांगने का आरोप लगाया है।

इधर गुरुवार को मृतका की मां ने नगर थाना में एक लिखित आवेदन दिया है, जिसमें पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रताड़ना का आरोप लगाया है।

क्या सरकारी क्वाटर बना महिला सिपाही के मौत का कारण?

दोनों पति-पत्नी जिला बल में सिपाही के पद पर तैनात थे। मरने से पहले अर्चना ने सादे कागज पर पुलिस अधीक्षक (Samastipur) के नाम एक सुसाइड नोट लिखकर पुलिसकर्मियों के बनाए एक वाट्सएप ग्रुप पर शेयर की थी। इसमें पुलिस केंद्र के मेजर द्वारा सरकारी क्वार्टर के लिए प्रताड़ित करने की बात कही गई है।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

सुसाइड नोट के मुताबिक, साल 2018 से दंपत्ति (Samastipur) जिला पुलिसबल में कार्यरत हैं। पहले किराए का कमरा लेकर रहते थे। बीते दो माह से पुलिस केंद्र स्थित सरकारी क्वार्टर में पति और बच्चों के साथ रहने लगे।

पिछले एक साल से पति- पत्नी दोनों के सरकारी वेतन से हर महीने आधा हिस्सा लोन कट रहा था। इस कारण किराए का कमरा लेकर परिवार के भरण-पोषण और बच्चों की पढाई-लिखाई का खर्च पूरा करना मुश्किल हो रहा था।

सुसाइड नोट में लिखा कि पुलिस केंद्र में उसके पति के विरुद्ध सरकारी क्वार्टर का जबरन ताला तोड़कर रहने का आरोप लगा। इस कारण विभागीय स्तर पर अनुशासनहीनता के आरोप में पति सुमन को निलंबित कर दिया। दो माह से उसके पति निलंबित थे। इधर, पुलिस केंद्र में बार-बार क्वार्टर खाली करने के लिए परेशान किया जा रहा था।

सुसाइड नोट के अनुसार, वरीय पदाधिकारियों से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई, लेकिन किसी ने उसकी समस्या पर अमल नहीं किया।

सुसाइड नोट में पुलिस अधीक्षक को लिखा है कि समस्या से पीड़ित किसी पुलिसकर्मियों की शिकायत पर खुद मामले की जांच करें और न किसी के कहने पर परेशान करें ताकि जीने का रास्ता ही बंद हो जाए और अंत में खुदकशी करने की नौबत आ जाए।

सुसाइड नोट के अंत में लिखा, सॉरी मेरे बच्चे, मेरी जान, मरने के बाद सब यही कहेंगे कि अपने बच्चों के बारे में नहीं सोची, लेकिन क्या करती जिंदा रहकर भी बच्चों को खुश नहीं रख पाई हूं। सॉरी मम्मी, हार गई भईया मैं सब आपलोगों से।

घटना के वक्त डयुटी पर अकेले थी महिला कर्मी :

बता दें कि डायल 112 में चार शिफ्ट में पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। बुधवार शाम घटना के वक्त महिला सिपाही 707 अर्चना नियंत्रण कक्ष में अकेले काम कर रही थी। उसकी ड्यूटी खत्म ही होने वाली थी। इससे पहले उसने बाहर से कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। कमरे के अंदर गले में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।

घटना की सूचना अन्य पुलिसकर्मियों को मिली तो कमरे का दरवाजा तोड़कर तुरंत बाहर निकाला और आनन-फानन में सदर अस्पताल ले गए। हालांकि, जांच के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

 

जांच के लिए एसआईटी गठित- पुलिस अधीक्षक(Samastipur SP) :

सूचना पर दलबल के साथ पहुंचे एसपी विनय तिवारी, मुख्यालय डीएसपी अमित, सदर डीएसपी संजय पाण्डेय, नगर थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है और घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एसआईआटी का गठन किया गया है।

मां और पति का रो-रोकर बुरा हाल :

वहीं, पुलिस ने घटना की सूचना परिजनों को दी। देर रात मृतका के परिजन सदर अस्पताल पहुंचे। इस घटना से परिजनों में मातम पसरा हुआ है। मृतका की मां और पति की रो-रोकर बुरा हाल है।

बताया जा रहा है कि मृतका के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। घटना के बाद जिला पुलिस एसोसिएसशन और मेंस एसोसिएशन के पदघारकों ने मृतक के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। मौके पर पुलिस एसोसिएशन के भरत प्रसाद यादव, अनिल सिंह, सुबोध कुमार समेत दर्जनों सदस्य मौजूद रहे।

परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप :

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को मृतका की मां ने नगर थाना में एक लिखित आवेदन दिया है, जिसमें पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रताड़ना का आरोप लगाया है। इस एफआईआर ने पुलिस महकमे को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

मेजर पर पैसे और मिठाई मांगने का आरोप :

मृतक महिला सिपाही अर्चना कुमारी गया जिले के खिजासराय थाना के मनदेई गांव की रहने वाली थी। पति पत्नी दोनों समस्तीपुर जिला पुलिस बल में सिपाही के पद पर तैनात हैं। पति के निलंबित होने के बाद से अर्चना काफी तनाव में थी। इधर महिला के पति सिपाही सुमन कुमार ने साजेंट द्वारा गलत रिपोर्ट कर निलंबित कराने का आरोप लगाया है। सिपाही सुमन कुमार ने कहा कि मेजर नयन कुमार को वो मिठाई फल ला कर देता था। इसके साथ ही वह पैसे भी लेता था। इसके बाद भी वह उसे प्रताड़ित कर रहा था।