Bihar News : बिहार की नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में अब सक्षमता परीक्षा साल में 3 की जगह 5 बार होगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री नितीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें नीतीश कैबिनेट ने विशिष्ट शिक्षक नियमावली सहित 44 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगाई गई।

साल में 5 बार होगी सक्षमता परीक्षा:
आज नितीश कैबिनेट ने यह निर्णय लिया कि सक्षमता परीक्षा (कंपिटेंसी टेस्ट) के लिए उम्मीदवारों को 3 बार के बजाय 5 बार मौका दिया जाएगा. यह कदम उम्मीदवारों को अपनी तैयारी बेहतर करने और परीक्षा में सफलता पाने के लिए अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है.

नियोजित शिक्षक अपने विद्यालयों में ही बने रहेंगे:
बिहार विशेष शिक्षक नियमावली संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर सरकार नीति बनाएगी। योग्यता परीक्षा पास कर चुके और स्थानांतरण नहीं चाहने वाले शिक्षक अपने स्थान पर ही योगदान देंगे।


उत्तीर्ण नहीं हुए 85609 शिक्षकों को राहत:
253534 नियोजित शिक्षक योग्यता परीक्षा पास कर विशेष शिक्षक बन गए हैं। अब वे अपने स्थान पर ही योगदान देंगे। वहां उन्हें विशेष शिक्षक का वेतन मिलेगा। आपको बता दें कि 85609 शिक्षक अभी भी योग्यता परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं।

2500 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण:
बिहार में 2500 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण पर 300 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जिसमें नाबार्ड से 255 करोड़ रुपये और राज्य योजना निधि से 45 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। पटना सर्किट हाउस में अतिरिक्त कमरों के निर्माण के लिए 34 करोड़ 26 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
469 पदों पर नियुक्ति की स्वीकृति:
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग बिहार पटना के अंतर्गत प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के 469 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
कई अहम फैसले:
इसके अलावा कैबिनेट ने कई अन्य अहम फैसलों को भी मंजूरी दी, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर अहम फैसले शामिल हैं। इन फैसलों का मकसद राज्य के विकास को गति देना और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मुहैया कराना है।
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट फैसलों की दी जानकारी:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी गई। जहां इन फैसलों के बारे में जानकारी दी गई। कैबिनेट सचिव ने कहा कि ये फैसले राज्य के विकास के लिए अहम साबित होंगे और राज्य में सरकारी कामकाज को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे।