बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। लंबे समय से नक्सलियों के प्रभाव में रहे बांका और पश्चिमी चंपारण (बगहा) को अब नक्सल-मुक्त घोषित कर दिया गया है। यह खबर न केवल राज्य प्रशासन के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत और सरकारी योजनाओं की सफलता का प्रमाण भी है।
गृह मंत्रालय ने बिहार को सूचित किया है कि राज्य के दो प्रमुख जिले, बांका और पश्चिमी चंपारण, अब नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं। इसके साथ ही, राज्य के केवल आठ जिलों में ही अब नक्सलियों का प्रभाव शेष रह गया है। इनमें औरंगाबाद, गया, मुंगेर, जमुई, कैमूर, नवादा, लखीसराय और रोहतास शामिल हैं। बांका के नक्सल-मुक्त होने से भागलपुर रेंज पूरी तरह से नक्सल प्रभाव से मुक्त हो गया है, जो सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
बांका जिले में नक्सलियों का प्रभाव घटने के बाद, यहां तैनात पैरामिलिट्री फोर्स एसएसबी और सीआरपीएफ को वापस बुला लिया गया है और उनकी जगह बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को तैनात किया गया है। इसके साथ ही, जिले में एएसपी अभियान का पद समाप्त कर दिया गया है और नक्सल प्रभावित थानों के लिए मिलने वाली विशेष आर्थिक सहायता भी बंद कर दी गई है।
बांका जिले के कई हिस्से कभी नक्सलियों के बड़े कमांडरों के ठिकाने हुआ करते थे, जहां सरकारी योजनाओं के अभाव में ग्रामीण लोग नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखते थे। लेकिन, समय के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा, युवाओं की सोच बदली, और अब उन्हीं इलाकों से कई युवा इंजीनियर, डॉक्टर और सरकारी नौकरी में काम कर रहे हैं।
शादियां आमतौर पर खुशियों का मौका होती हैं, लेकिन समस्तीपुर जिले के विक्रमपुर गांव में…
पेंशनभोगियों के लिए हर साल नवंबर का महीना अक्सर औपचारिकताओं से भरा होता है। लेकिन…
राज्य के सरकारी अस्पतालों में अब भी लगभग 45 फीसदी डॉक्टर कम हैं। इससे सरकारी…
समस्तीपुर ज़िले के हसनपुर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां तेज…
समस्तीपुर जिले में रबी की खेती करने वाले किसान इस बार डीएपी खाद की भारी…
बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के शिक्षकों और छात्रों के लिए राहतभरी घोषणाएं की हैं।…