Bihar Land Survey: पटना. बिहार सरकार ने प्रवासी रैयतों को बड़ी राहत दी है. बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के क्रम में अब स्थल पर भौतिक सत्यापन या किस्तवार प्रक्रम के दौरान रैयतों की उपस्थिति आवश्यक नहीं है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसको लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है. विभाग ने कहा है कि रैयतों को जमीन पर खुद रहना अनिवार्य नहीं है.
रैयतों के प्रतिनिधि रहने से सर्वे में होगी सहूलियत
विभाग के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति स्वयं नहीं आ सकता है, तो उनके किसी भरोसेमंद तथा अधिकृत प्रतिनिधि के जमीन पर उपस्थित रहने से सर्वे कर्मियों को पहचान में सुविधा होगी. वैसे विभाग ने यहां तक कहा है कि इसके लिए प्रतिनिधि भेजने की भी कोई अनिवार्यता नहीं रखी गई है, लेकिन अगर रैयत अपने किसी प्रतिनिधि को भेज देंगे तो उनकी मौजूदगी से जमीन के भूखंड को पहचानने में सर्वे कर्मियों को सुविधा होगी.
वंशावली और खतियान को लेकर सबसे अधिक शिकायतें
सर्वे कार्य से जुड़ी किसी तरह की समस्या या शिकायत के लिए विभाग के स्तर से एक टोल फ्री नंबर 18003456215 जारी किया गया है. इस पर सबसे ज्यादा सवाल वंशावली, खतियान, राजस्व रसीद समेत अन्य मुद्दों को लेकर आ रहे हैं. इनके समाधान के लिए विभाग के स्तर से रैयतों के लिए कुछ सामान्य अनुदेश जारी किए गए हैं. इसमें क्या आवश्यक है या क्या आवश्यक नहीं है, इसकी अलग से बिन्दुवार जानकारी दी गई है. विभाग का मकसद लोगों के बीच इन बातों को लेकर संशय की स्थिति दूर करना है.
सिर्फ यह करना आवश्यक है
स्वघोषणा प्रपत्र-2 रैयत या रैयत के वंशज की ओर सेजमीन की जानकारी भरकर अंचल शिविर मेंजमा करेंया भू-अभिलेख की वेबसाइट पर अपलोड करें
खतियान रैयत या जमाबंदी रैयत के वंशज स्वयं प्रपत्र-3 (1) मेंवंशावली तैयार कर शिविर या ऑनलाइन अपलोड करें, राजस्व रसीद की छायाप्रति संलग्न करें
यदि क्रय या बदलैन या दान की भूमि हो, तो दस्तावेज की छायाप्रति दें, यदि किसी जमीन को लेकर कोर्ट का आदेश हो, तो आदेश की छाया प्रति संलग्न करें.
बंदोबस्त भूमि या भूदान प्रमाणपत्र या वासगीत पर्चाकी छायाप्रति दें, जमाबंदी रैयत जीवित है, तो सिर्फ स्वघोषणा (प्रपत्र-2) देंगे, वंशावली की आवश्यकता नहीं
यह आवश्यक नहीं है
प्रपत्र-3 (1) मेंवंशावली पर कार्यपालक दंडाधिकारी या नोटरी पब्लि क के समक्ष शपथ करनेकी भी आवश्यकता नहीं है
वंशावली पर ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि का हस्ताक्षप जरूरी नहीं, राजस्व रसीद की अपडेट या ऑनलाइन प्रति जरूरी नहीं है.
शादियां आमतौर पर खुशियों का मौका होती हैं, लेकिन समस्तीपुर जिले के विक्रमपुर गांव में…
पेंशनभोगियों के लिए हर साल नवंबर का महीना अक्सर औपचारिकताओं से भरा होता है। लेकिन…
राज्य के सरकारी अस्पतालों में अब भी लगभग 45 फीसदी डॉक्टर कम हैं। इससे सरकारी…
समस्तीपुर ज़िले के हसनपुर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां तेज…
समस्तीपुर जिले में रबी की खेती करने वाले किसान इस बार डीएपी खाद की भारी…
बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के शिक्षकों और छात्रों के लिए राहतभरी घोषणाएं की हैं।…