बिहार के सभी जिलों में जमीन और अन्य जरूरी दस्तावेज रिकॉर्ड रूम में सुरक्षित रखे जाते हैं। अब इन जिलास्तरीय अभिलेखागारों की देखरेख के लिए सख्त नियम-कायदे तय किए गए हैं। यहां कार्य करने वाले अभिलेखपाल और अन्य सभी कर्मियों की जिम्मेदारी स्पष्ट कर दी गई है, ताकि दस्तावेजों से किसी तरह की छेड़छाड़ न हो सके।
सख्त नियम और निर्देश
इन कार्यालयों में काम करने वाले किसी भी कर्मी या व्यक्ति को कागज, कलम के अलावा मोबाइल फोन, कैमरा समेत किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक यंत्र अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इस संबंध में आदेश मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सहायक निबंधन महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने सभी जिलों के जिला अवर निबंधक या अवर निबंधक को भेजा है। सभी जिलों को सख्ती से इस दिशा-निर्देश का पालन करने के लिए कहा गया है। यदि किसी दस्तावेज से छेड़छाड़ होती है, तो इसके लिए जिला अवर निबंधक व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे।
सर्टिफाइड कॉपी की प्रक्रिया
जमीन से जुड़ी किसी भी सर्टिफाइड कॉपी को निकालने से पहले इसे अभिलेखपाल के समक्ष तैयार किया जाएगा और मूल प्रति से इसका मिलान अभिलेखपाल करेंगे। सभी दस्तावेजों की देखरेख और जारी करने के लिए अलग-अलग रजिस्टर होंगे। इनमें दस्तावेज से जुड़े सभी रिकॉर्ड को दर्ज करना अनिवार्य होगा। रोजाना कार्यालय का कार्य समाप्त करने के बाद यहां से जारी होने वाले सभी दस्तावेजों की समुचित तरीके से जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी पुराने या पहले से रखे मूल दस्तावेजों से छेड़छाड़ नहीं की गई है।
दस्तावेजों की सुरक्षा की पहल
इस नए नियम-कायदों का उद्देश्य राज्य में जमीन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इससे दस्तावेजों के साथ किसी भी प्रकार की अनियमितता और धोखाधड़ी पर रोक लग सकेगी। यह कदम राज्य के प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
इन सख्त निर्देशों के तहत, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर दस्तावेज सुरक्षित रहे और किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ से बचा जा सके। इससे नागरिकों को उनके दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर आश्वासन मिलेगा और सरकारी प्रक्रियाओं में विश्वास बढ़ेगा।
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