बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने एक नई योजना का ऐलान किया है। इस योजना का उद्देश्य नदियों के अतिरिक्त जल को संरक्षित कर बाढ़ की समस्या को नियंत्रित करना है, जिससे राज्य में जन-धन की हानि को रोका जा सके और पानी का सही उपयोग हो सके।
बिहार सरकार ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों को राहत देने के लिए गंडक, कोसी, बागमती और महानंदा नदियों पर नए बराज बनाने की योजना बनाई है। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस योजना की घोषणा करते हुए बताया कि राज्य के चार प्रमुख नदियों पर नए बराज बनाए जाएंगे। गंडक नदी पर पूर्वी चंपारण के अरेराज में, कोसी नदी पर सुपौल के डागमारा में, बागमती पर सीतामढ़ी के ढेंग में और महानंदा नदी पर मसान में नए बराज बनाए जाएंगे।
इन नदियों पर पहले से ही कुछ बराज मौजूद हैं, लेकिन मौजूदा बराजों के बावजूद मानसून के दौरान हजारों क्यूसेक पानी बेकार बह जाता है, जिससे उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है। नए बराज बनने से न केवल बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि इस पानी का उपयोग सिंचाई और पेयजल के रूप में भी किया जा सकेगा। मंत्री चौधरी ने कहा कि इन बराजों के निर्माण से बाढ़ के अतिरिक्त जल का संचयन होगा, जिससे वैकल्पिक जलाशय का निर्माण किया जा सकेगा।
सरकार की इस योजना का मकसद राज्य में बाढ़ के खतरों को कम करना है और उन क्षेत्रों में भी पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, जहां इसकी कमी महसूस होती है। सरकार इस समय 8-9 परियोजनाओं पर काम कर रही है, जो देश में अन्य राज्यों से अधिक है। इसके अलावा, संवेदनशील इलाकों को सुरक्षित करने के लिए तटबंधों का निर्माण भी किया जाएगा।
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