बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने घोषणा की है कि राज्य के स्कूलों में पठन-पाठन में सुधार और इन्फ्रास्ट्रक्चर की बेहतरी के लिए जनप्रतिनिधियों की मदद ली जाएगी। विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। इस पहल के पहले चरण में पांच स्कूलों का चयन किया जाएगा, जो विधायक (MLA) या विधान परिषद सदस्य (MLC) के क्षेत्र से एक-एक के पैटर्न पर लिए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने समीक्षा के दौरान पदाधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए। अगले एक साल का लक्ष्य तय करते हुए उन्होंने कहा कि बीते दिनों में शिक्षा विभाग में काफी सुधार हुए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
बैठक के बाद, शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एस. सिद्धार्थ ने बताया कि इस काम के लिए नोडल पदाधिकारी को जिलावार तैनात किया जाएगा, जिन्हें तीन महीने का लक्ष्य दिया जाएगा। नोडल पदाधिकारियों के काम की मॉनिटरिंग डीडीसी और डीएम करेंगे। एस. सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि संबंधित नोडल पदाधिकारी की पूरी जिम्मेदारी होगी और गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में फर्नीचर और अन्य सामानों की खरीद में गड़बड़ी की बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं। पहले किए गए शत प्रतिशत निरीक्षण के बावजूद यह समस्या बनी हुई है। एक बार फिर से इसका निरीक्षण कराया जाएगा। जिलाधिकारी अपने स्तर से इसे देखेंगे और इंस्पेक्शन के दौरान स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता और संसाधनों की उपलब्धता एवं गुणवत्ता की जांच की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान यह भी देखा जाएगा कि दैनिक क्लास, होमवर्क, परीक्षा और मूल्यांकन कार्य सही तरीके से और समय से होते हैं या नहीं। टीम यह भी जांच करेगी कि स्कूलों में जो फर्नीचर और अन्य उपस्कर उपलब्ध हैं, उनकी गुणवत्ता ठीक है या नहीं।
अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने निर्देश दिया कि निरीक्षण के दौरान शिक्षकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाएगा। पदाधिकारी गांव में भी लोगों से संपर्क करेंगे और जो बच्चे स्कूल से बाहर हैं, उन्हें स्कूलों से जोड़ने का प्रयास करेंगे। नए बच्चों का नामांकन किया जाएगा और नामांकित बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने का काम सुनिश्चित किया जाएगा।
छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। निरीक्षण के दौरान जो शिक्षक या कर्मी कर्तव्य से विमुख पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें वेतन की कटौती के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शामिल होगी।
सभी छात्र-छात्राओं की आधार सीडिंग का काम शत प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया गया है ताकि विद्यार्थियों को डीबीटी का लाभ दिया जा सके। जिनकी आधार सीडिंग नहीं होगी, उन्हें विद्यालय में किसी तरह की सुविधा नहीं दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का यह कदम बिहार के शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने और छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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