समस्तीपुर में विवाह पंचमी पर प्रभु श्रीराम बरात की झांकी देख आस्था से भरे श्रद्धालु.

विद्यापतिनगर . विवाह पंचमी को लेकर विद्यापतिधाम आस्था की गहराइयों में डूब गया. शुक्रवार को धाम क्षेत्र के राम जानकी मंदिर में अयोध्या के राजा प्रभु श्रीराम और जनक दुलारी माता सीता के विवाह का नाट्यरूपांतरण प्रस्तुत किया जायेगा. इसे लेकर विद्यापतिधाम में श्रद्धालुओं में उमंग छाया है. गुरुवार को श्रीराम विवाह बरात की झांकी निकली गयी. झांकी की साज सज्जा से प्रतीत होता था कि सुंदरता और श्रृंगार रस जैसे एकत्र हो गये हों.

   

बरात की झांकी में स्वर्ण रथ पर सवार दूल्हा प्रभु राम को देखने के लिए महिलाओं में आतुरता चरम पर दिखा. वहीं श्रद्धालु पुरषों ने जगह-जगह बरात का अभिवादन व अभिनंदन में भक्तिभाव बिखेरा. इससे सम्पूर्ण वातावरण आस्था में डूब गया. बरात की अगुआयी कर रहे भक्तिभाव के धनी विद्यापतिधाम के संरक्षक गणेश गिरी कवि ने बताया कि विवाह पंचमी को लेकर अपार आस्था कण कण में व्याप्त है. कहा कि विद्यापतिधाम के रामजानकी मंदिर में प्रारंभ से ही विवाह पंचमी का पर्व उमंग के साथ मनाया जाता रहा है. बताया कि अयोध्या के राजा प्रभु श्रीराम और जनक नंदनी माता सीता का विवाह अगहन मास की शुक्ल पंचमी को हुआ था.

इस दिन को विवाह पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है. धाम के रामजानकी मंदिर में विवाह के प्रस्तुतिकरण की तैयारी पूरी कर ली गयी है. उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीराम की बरात की झांकी में क्षेत्र के श्रद्धालुओं का पुरजोर सहयोग मिल रहा है. झांकी देख लोग भाव विह्वल हो रहे हैं. इससे सनातन आस्था को पंख मिल रहा है. विवाह की नाट्यप्रस्तुति को देखने श्रद्धालु विद्यापतिधाम परिसर में उमड़ रहे हैं.

 

बरात की झांकी में रथ पर सवार वेशभूषा से सुसज्जित दशरथ नंदन के लालनवा श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने थे. वहीं मुखौटाधारी देव दानव दर्शक बच्चों के कौतूहल को परवान चढ़ाते रहे. झांकी में श्रीराम के भेष में अभिनंदन कुमार, लक्षमण बने श्रीकांत गिरी, भरत की भूमिका में शिवकांत गिरी, शत्रुघ्न की झलक धारण किये रौशन कुमार मैन भावन छटा बिखेड़ रहे थे.

वहीं परम पिता ब्रम्हा का स्वरूप धारण किये निराला तो नाटकीय अंदाज से सुसज्जित नारद श्रद्धालुओं के मन मष्तिक में बसे रहे. बरात की अगुआयी जाने माने जदयू नेता धीरेंद्र कुमार सिंह, समाजसेवी भूपेंद्र नारायण सिंह, विद्यापतिधाम के संरक्षक चतुरानंद गिरी, पीताम्बर गिरी, शिवदयाल गिरी, रामदयाल गिरी, राज कुमार गिरी कर रहे थे. झांकी वाली बरात में सैंकड़ों श्रद्धालु शामिल थे. हाथी, घोड़े, ऊंट बरात की शोभा बढ़ाते दिखे.

   

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